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लोक माझे सांगाती (नवीन आवृत्ती) - Lok Maze Sangati (New Edition)

Author: Sharad Pawar

Publication: Rajhans Prakashan

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गोकुळगाथा - Gokulgatha

Author: Arun Narake

Publication: Rajhans Prakashan

Category: अनुभव कथन / आत्मकथन

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Description

पाच लाख म्हशी. दोन लाख गायी. अठराशे कर्मचारी. असंख्य उद्योजक. चाळीस लाख ग्राहक. या सा-यांचं नांदतं-गाजतं कुटुंब म्हणजे कोल्हापूरचा दूधसंघ – ‘गोकुळ’. आणि या ‘गोकुळ’ला प्रगतिपथावर नेणारा नंदगोप म्हणजे अरूण नरके. सलग दहा वर्षं या संघाचं अध्यक्षपद भूषवणारे अरूण नरके म्हणजेच गोकुळ अन् गोकुळ म्हणजेच अरूण नरके असं समीकरणच सिद्ध झालेलं. म्हणूनच अरूण नरके यांनी सांगितलेलं आत्मकथन बनलंय ‘गोकुळगाथा’

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